13 दिसंबर 2025, भोपाल:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार ने आज सफलतापूर्वक अपने दो साल पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सरकार की उपलब्धियों की समीक्षा की और अगले तीन वर्षों के लिए कार्ययोजना का लक्ष्य निर्धारित किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने संबोधन में कहा कि इन दो वर्षों में प्रदेश में विकास की गति तेज हुई है और कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की गई हैं। उन्होंने कानून-व्यवस्था को लेकर बड़ी चुनौती माओवाद से निपटने को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया, जिसके फलस्वरूप केंद्रीय गृह मंत्री के मार्गदर्शन में मंडला, बालाघाट और डिंडोरी जैसे जिले लाल आतंक से मुक्त हुए हैं।
कायाकल्प की ओर ‘नदी जोड़ो परियोजना’:
डॉ. यादव ने प्रदेश के कायाकल्प के लिए महत्वकांक्षी नदी जोड़ो परियोजनाओं को नए युग की शुरुआत बताया। इनमें पार्वती-कालीसिंध-चंबल, केन-बेतवा और ताप्ती नदी जोड़ो परियोजनाएँ शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ₹800 करोड़ की क्षिप्रा योजना से अब क्षिप्रा नदी में केवल जल से ही स्नान संभव होगा, साथ ही गंभीर और खान नदी को जोड़कर भी एक महत्वपूर्ण परियोजना बनाई गई है।
उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री हेमंत खंडेलवाल ने इन दो वर्षों को ‘विकास और सेवा’ का वर्ष बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। इस मौके पर मुख्यमंत्री की दो वर्ष की उपलब्धियों पर केंद्रित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
सरकार के प्रमुख ऐतिहासिक निर्णय और नीतियां:
किसानों के लिए भावान्तर योजना की शुरुआत।
दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत मिलेट्स (कोदो, कुटकी) की खरीदी के लिए मूल्य निर्धारित कर किसानों को अधिकतम ₹3900 प्रति हेक्टेयर अतिरिक्त सहायता राशि।
हर किसान के खेत में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर किसानों को ‘ऊर्जादाता’ बनाने की पहल।
लाड़ली बहनों को दी जाने वाली राशि में वृद्धि, अब ₹1250 से बढ़ाकर प्रतिमाह ₹1500 करने का निर्णय।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर।
खुले में माँस के वितरण पर रोक लगाई गई।
धार्मिक स्थलों और अन्य स्थानों पर निर्धारित मापदंडों के अनुरूप ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर) के उपयोग को अनिवार्य किया गया।
दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि।
डेयरी इकाई और दुधारू पशुओं के लिए डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनू योजना के तहत ऋण सहायता।
गोकुल ग्राम और वृंदावन ग्राम योजना का क्रियान्वयन।
किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए मध्यप्रदेश कृषक कल्याण मिशन।



